छत्तीसगढ राज्याचा सांस्कृतिक वारसा-Cultural Heritage of the State of Chhattisgarh:
*छत्तीसगढमध्ये गोंडा, मुरिया, गरबा, कोरबा, अबुझमरीया, बैगा, भैना, भत्रा, भुजिया, बिन्जवार, धन्वार, धुरवा, डोरला, हल्बा, कामर, कोळ, मुंडा, मांजी, ओरावन, पारधी, राजगोंड, सावरा या जनजाती आहेत.
*यामध्ये घोटूळ प्रथा आहे.
१) घोटूळ प्रथा (Ghotul tradition) :
*ही प्रथा मुख्यतः बस्तर भागामध्ये दिसते. यामध्ये लग्न न झालेली तरूण मुलगा-मुलगी एकत्र राहतात व जीवनाच्या धार्मिक प्रथा, सांस्कृतिक परंपरा, सामाजिक जबाबदाऱ्या यांचे कौशल्य प्राप्त करतात.
*अशाप्रकारे घोटूल हा नियमांचा संच ठरतो.
२) कला व हस्तशिल्प
*हे एक अलोह धातूकाम आहे.
यामध्ये (lost wax casting technique) चा वापर केला जातो.
सण/उत्सव :
यात देवी दंतेश्वरी उत्सव,
मडाईपोला,
अक्ती,
रथयात्रा
साजरे केले जातात.
• लोकनृत्य :
सुआ,
कर्मा,
सैला,
सरहूल,
राऊत
ही लोकनृत्य प्रसिद्ध आहेत.
भारतीय सांस्कृतिक वारसा
सांस्कृतिक वारसा महाराष्ट्र | |
सांस्कृतिक वारसा उत्तर प्रदेश | |
सांस्कृतिक वारसा आंध्रप्रदेश | |
सांस्कृतिक वारसा आसाम | |
सांस्कृतिक वारसा गोवा | |
सांस्कृतिक वारसा छत्तीसगड | |
सांस्कृतिक वारसा गुजरात | |
सांस्कृतिक वारसा हिमाचल प्रदेश | |
सांस्कृतिक वारसा हरियाणा | |
सांस्कृतिक वारसा उत्तराखंड | |
सांस्कृतिक वारसा सिक्कीम | |
सांस्कृतिक वारसा बिहार | |
सांस्कृतिक वारसा झारखंड | |
सांस्कृतिक वारसा मध्यप्रदेश | |
सांस्कृतिक वारसा केरळ | |
सांस्कृतिक वारसा नागालँड | |
सांस्कृतिक वारसा जम्मू -काश्मीर | |
सांस्कृतिक वारसा तामिळनाडू | |
सांस्कृतिक वारसा राजस्थान | |
सांस्कृतिक वारसा पंजाब | |
सांस्कृतिक वारसा ओडिसा | |
सांस्कृतिक वारसा मेघालय | |
सांस्कृतिक वारसा मणिपूर | |
सांस्कृतिक वारसा कर्नाटक |
कोणत्याही टिप्पण्या नाहीत:
टिप्पणी पोस्ट करा