मेघालय जेथे ढगांचा अधिवास आहे; येथे तीन प्राचीन पहाडी जमाती गारो, खाँसी, जैंतीया यांची जन्मभूमी आहे.
हे राज्य त्याच्या निसर्गरम्य सौंदर्यासाठी प्रसिध्द आहे. उत्सव:
बेहदिनखुलम उत्सव, नोकरेक उत्सव, वांग्ला उत्सव.
वांग्ला उत्सवाला शंभर ड्रम उत्सव असेही म्हणतात. हा गारो जमातीचा मुख्य सण आहे. नोव्ह-डिसेंबर महिन्यात पीक काढणीला आल्यावर सुर्यदेवतेला समर्पित हा उत्सव आहे. यामध्ये पुरूष ड्रम वाजवत गटागटाने तालामध्ये पुढे-पुढे पाऊल टाकतात.
लोकनृत्य : (Folk dance) शिंगवियांग थांगियाप नृत्य (दुःखद भावयुक्त), चंबीला मेसरा नृत्य • नोन्गक्रेम नृत्य (Nongkrem dance) : या नृत्यामध्ये अविवाहित मुली सुंदर अलंकार, कपडे परिधान करून ड्रमच्या तालावर गोल घेरा करून मागे-पुढे अशा लयामध्ये नृत्य करतात. • ल्हा-हो नृत्य (Lah-ho dance) : यामध्ये कोणत्याही संगीत वाद्याचा आधार न घेता नृत्य केले जाते. पुरूष महिला दोघेही भाग घेतात. .
डेरोजाटा नृत्य :
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